
आज का दिन सिर्फ एक झंडे का पर्व नहीं — यह सात पवित्र आत्माओं की एकता और राम के आदर्शों की पूजा है।
आज अयोध्या के पवन और पवित्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में एक अत्यंत दिव्य और ऐतिहासिक पल देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि ध्वजारोहण महोत्सव से पहले उन्हें सप्त-मंदिर परिसर में प्रार्थना करने का अद्भुत सौभाग्य प्राप्त हुआ — यह क्षण केवल श्रद्धा का नहीं, बल्कि ज्ञान और भक्ति के समन्वय का प्रतीक था।
सप्त-मंदिर — ये वे सात पवित्र मंदिर हैं जिन्हें रामायण और भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े सात महान चरित्रों को समर्पित किया गया है: महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रोच्चार और विधिवत पूजा-अर्चना के साथ इन सभी मंदिरों में नमन किया। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि ये सातों मंदिर हमें “ज्ञान और भक्ति दोनों” प्रदान करते हैं — और यही आध्यात्मिकता हमें प्रभु श्री राम के आदर्शों की ओर ले जाती है।
अब इन सात महान आत्माओं पर संक्षिप्त दृष्टि डालते हैं—
- महर्षि वशिष्ठ: राजगुरु, धर्म, नीति और सदाचार के मार्गदर्शक।
- महर्षि विश्वामित्र: कठोर तपस्वी, जिन्होंने राम और लक्ष्मण को दिव्य अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान दिया।
- महर्षि अगस्त्य: वनवास काल में राम के सलाहकार और दिव्य ऊर्जा के स्रोत।
- महर्षि वाल्मीकि: रामायण के लेखक, जिन्होंने रामकथा को अमर बनाया।
- देवी अहिल्या: तपस्या, क्षमा और आत्म-शुद्धि का प्रतीक।
- निषादराज गुहा: सच्चे मित्र, भक्त और समर्पण की जीवित मिसाल।
- माता शबरी: प्रेम, समर्पण और अतिथि-सेवा की परम भक्त।
पीएम मोदी ने कहा कि इन धर्मात्माओं की महिमा हमें रामराज्य के आदर्शों—मानवता, भलाई, एकता और सेवा—की राह दिखाती है।
ध्वजारोहण के इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री की सप्त-मंदिर यात्रा एक संदेश भी देती है:
हमारे इतिहास, हमारी संस्कृति और हमारी आस्था का पुनरुत्थान केवल भव्य मंदिरों से नहीं, बल्कि उन मूल्यों से होता है जिनका प्रतिनिधित्व ये सात दिव्य व्यक्तित्व करते हैं।
यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि भारत सिर्फ भौगोलिक सीमा नहीं, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक अनुभूति है—जहां भक्ति, ज्ञान और सेवा साथ चलते हैं।
आइए, हम सब इस पावन पर्व को श्रद्धा, एकता और राम भक्ति के साथ मनाएं।
जय श्री राम – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी